1. महिला सशक्तिकरण:
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें शिक्षा, स्वरोजगार और नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना।
2. स्वास्थ्य एवं पोषण:
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक, प्राकृतिक व आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी और सुविधा उपलब्ध कराना।
4. रोजगार एवं स्वरोजगार:
महिलाओं को कुटीर उद्योग आयुर्वेद क्षेत्र जैसे पत्तियां , औषधीय फल्लियां औषधीय रस रसायन एवं औषधीय कंद , फूल आदि औषधि गुणों से भरपूर जानकारी प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना एवं रोजगार प्रदान करना।
7. आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा का प्रचार
आयुर्वेद व घरेलू नुस्खों के माध्यम से समाज को स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रेरित करना।
8. सामूहिक सहभागिता
ग्राम स्तर पर महिला समूह बनाकर सामाजिक विकास में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना।
10. सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम:
समाज में सांस्कृतिक व धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने हेतु समय-समय पर आयोजन करना।
11.मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
प्रचार-प्रसार करना एवं विवाह हेतु निःशुल्क परिचय सम्मेलन आयोजित करना एवं समिति के महिलाओं के माध्यम से गांव की गरीब बेसहारा कन्याओं का घर बसाने में सहयोग करना
12.ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय कैंप लगाना
बेरोजगार नवयुवकों एवं युवतियों हेतु औषधीय पौधे ,फूल ,रस रसायन की शिक्षा का प्रवन्ध करना
14. पर्यावरण संरक्षण
समय समय में औषधीय पौधों का वृक्षारोपण कराना, देखभाल करना एवं समिति के महिलाओं के द्वारा औषधीय पौधों को गांव एवं शहरीय क्षेत्रों में महिलाओं को औषधीय पौधों के बारे में जानकारी देना